सीरवी समाज के छात्रावास

सीरवी किसान छात्रावास गणेशपुरा ब्यावर

किसी भी राष्ट्र एवं समाज की प्रगति का मूल आधार शिक्षा है, इसी परिप्रेक्ष्य में सीरवी छात्रावास ब्यावर का श्री गणेश हुआ। ब्यावर शहर राजस्थान के अजमेर जिले में एन.एच.- 14 पर स्थित है। शहर के दक्षिण तरफ उदयपुर को जाने वाली हाईवे रोड से गणेशपुरा जाने वाली पक्की सड़क पर सीरवी छात्रावास स्थित है, जिसके दो तरफ पूर्व व पश्चिम में डामर की सड़क है। इस छात्रावास की कुल छः बीघा आठ बिस्वा भूमि है जिसके चारों ओर चार दिवारी की हुई है। इस छात्रावास में कुल 45 कमरे, एक मैस हाल, एक रसोई घर, एक वार्डन क्वार्टर, मशीन घर, पानी का टैंक, शौचालय व बाथरूम सुविधा उपलब्ध है । सन्‌ 1974-75 में सीरवी समाज के कुछ छात्रों ने उच्च शिक्षा हेतु सनातन धर्म राज. महाविद्यालय ब्यावर में प्रवेश लिया, परन्तु वहाँ पर विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान आवासी असुविधाओं का सामना करना पड़ा । इन विद्यार्थियों ने आपस में विचार विमर्श कर ब्यावर में सीरवी छात्रावास स्थापित कराने का निर्णय लिया । इसी संदर्भ में तत्कालीन सीरवी समाज के छात्रों ने छात्रावास की स्थापना हेतु बार-बार सामूहिक बैठकें कीं, जिसका नेतृत्व श्री जीवारामजी बाली व श्री गणेशरामजी वकील ने किया, इन बैठकों में मुख्य दो प्रस्ताव पारित किये गये – 1. सीरवी छात्रसंघ ब्यावर का गठन।
2. ब्यावरी में सीरवी छात्रावास के निर्माण हेतु भूमि की तलाश करना ।

इन दोनों मुद्दों को लेकर तत्कालीन सीरवी छात्रों की समय-समय पर मीटिंगें होती गयीं तथा कालान्तर में ब्यावर महाविद्यालय में सीरवी छात्रों की संख्या लगभग 50 तक पहुंच गयी । वर्ष 1977-78 में श्री मलारामजी बिरोल के नेतृत्व में 7 सदस्यों की सीरवी छात्रों की एक कार्यकारिणी गठित की गई, जिसमें 1. श्री मलारामजी बिरोल 2. श्री रूपारामजी झूंठा 3. श्री अर्जुनसिंह, 4. श्री अणदाराम पंवार खारिया 5. श्री दुर्गाराम खेडा देवगढ़ 6. श्री रूपसिंहजी बिलाड़ा 7. श्री खुमारामजी मुलेवा (पिपलिया कला) थे। साथ ही अनिलजी सोलंकी मादावत देवली कलां बुद्धारामजी पिचियाक, मंगलाराम जी पिचियाक, कल्याण सिहंजी बिलाड़ा, दीपारामजी काग गुड़िया, पुखराजजी गहलोत बाली का भी सराहनीय योगदान रहा । इन विद्यार्थियों की समिति ने तत्कालीन परगना समिति रायपुर, जैतारण, बिलाड़ा व सोजत के चुनिन्दा कार्यकारिणी के सदस्यों से सम्पर्क कर उनकी बैठकें ब्यावर में रखी गई और बार-बार यह प्रयास किया कि सीरवी छात्रावास हेतु ब्यावर में भूमि प्राप्त की जावे । भूमि प्राप्त करने हेतु चारों परगना समितियों के अध्यक्ष क्रमश: 1. केशारामजी गहलोत (लिलाम्बा) अध्यक्ष परगना समिति रायपुर 2. श्री सूरारामजी (देवरिया) अध्यक्ष पं.सं., जैतारण 3. श्री घीसारामजी पंवार (बाला) अध्यक्ष पं. समिति बिलाड़ा 4. तेजारामजी गहलोत अध्यक्ष पं. सं. सोजत के अलावा श्रीमान दीवान साहब माधवसिंहजी विधायक सोजत, श्रीमान सुखलालजी सेणचा विधायक रायपुर, श्रीमान खंगारसिंहजी विधायक खारची आदि ने पुर्ण सहयोग दिया तथा इनके साथ ही श्री जोगारामजी कुशालपुरा, शेरारामजी अटबड़ा व डायरामजी सांडिया ने भी अपना पुर्ण सहयोग किया । वर्ष 1978-79 में तत्कालीन छात्रों व चारों परगना समिति के उपरोक्त सभी कार्यकर्ताओं की एक सामुहिक मीटिंग हुई, जिसमें सर्वप्रथम 2 बीघा जमीन छात्रावास हेतु श्री सूरमसिंहजी पुत्र श्री मलासिंह, भंवरसिंह, नाथुसिंह पुत्र श्री नेनसिंह एवं श्रीमती जेतीदेवी बेवा नेनसिंह निवासी गणेशपुरा ब्यावर से खरीदना तय किया । इस प्रकार वर्ष 1978 में दो बीघा भूमि 10000/- रुपये में खरीदी तथा वर्ष 1979 में एक बीघा भूमि और 10000/- रुपये में खरीदी । कुल तीन बीघा जमीन खरीदने के बाद छात्रावास निर्माण कार्य करवाना शुरू किया, जिसमें श्रीमान ऊकारामजी सीरवी ई.ओ. ब्यावर का सराहनीय योगदान रहा तथा उनके प्रभाव से छात्रावास निर्माण के लिये माल आदि वाजिब भाव से मिला तथा पैसे देने में कुछ अवधि की छूट भी मिली । श्रीमान पन्‍नालालजी चौधरी (एस.बी.आई) का भी निर्माण कार्य में सहयोग रहा । छात्रावास निर्माण कार्य के ठेकेदार श्री हनुमान लाल कुमावत ब्यावर का भी अथक सहयोग रहा, जिन्होंने बिना रुकावट के लगातार छात्रावास निर्माण का कार्य करवाया । ठेका पेमेन्ट में देरी भी हुई तो भी निर्माण कार्य बंद नहीं किया तथा माल भी समय पर साईड पर हाजिर नहीं होने की दशा में स्वयं व्यवस्था की । इसके बाद शेष 3 बीघा 8 बिस्वा भूमि दि. 6-11-85 को 51000/- रुपये में खरीद की गई । पूर्व में खरीदी 3 बीघा भूमि पर निर्माण कार्य 1-1-83 से चालू होकर 10-10-86 तक चला, इस दौरान निम्न निर्माण कार्य हुआ।

1. सत्ताईस कमरे व मशीन घर का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ ।
2. हाल व अठारह कमरे अपूर्ण स्थिति में बने ।
3. पूर्व खरीदी तीन बीघा जमीन की दोनों तरफ की बांउण्ट्री का निर्माण कार्य पूरा हुआ ।

इस निर्माण कार्य की लागत 676575/- रुपये की आई जिसमें 591730/- रुपये की आय हुई । शेष 99107/- रुपये की देनदारियां बाकी देनी रह गयी एवं 14283/- रुपये की अमानतें बाकी लेनी रह गयी।दिनांक 27-10-86 से 4-11-89 तक छात्रावास निर्माण का कार्य अवरुद्ध रहा तब श्री ज्ञानारामजी परिहार अध्यक्ष परगना समिति रायपुर के प्रयास से दिनांक 5-11-89 को सीरवी छात्रावास ब्यावर में चारों परगना समिति के कुछ गणमान्य व्यक्तियों की‌ मीटिंग आयोजित की गयी एवं छात्रावास के सुव्यवस्थित संचालन हेतु लाबूरामजी प्रौढ शिक्षा अधिकारी रायपुर को एक नियमावली बनाने हेतु कार्य सौंपा तथा श्री पुरखारामजी अभियंता आई.ओ.सी. सैंदड़ा को छात्रावास का ब्लू प्रिण्ट तैयार करने का कार्य सौंपा । इसके साथ दिनांक 13-1-90 को श्री थानारामजी मोहरा को गत लेखा जोखा का आडिट करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया । दिनांक 28-5-90 को काणेचा बडेर की प्रतिष्ठा समारोह में श्रीमान माधवसिंहजी दीवान साहब की अध्यक्षता में एक मीटिंग आयोजित की गई जिसमें प्रत्येक परगना समिति से बीस हजार रुपये छात्रावास में देने का निर्णय हुआ । इसकी पालना दिनांक 24-6-90 से आरम्भ हो गयी । दिनांक 12-8-90 को सीरवी छात्रावास ब्यावर में चारों परगना समिति के अध्यक्ष एवं गणमान्य व्यक्तियों की मीटिंग हुई, जिसमें ब्यावर छात्रावास के संचालन समिति का गठन निर्विरोध इस प्रकार किया गया –

1. अध्यक्ष – श्री ज्ञानारामजी परिहार (अध्यक्ष परगना समिति रायपुर)
2. सचिव – श्री हुक्माराम परिहार (सदस्य सीरवी नवयुवक मण्डल राजस्थान)
3. कोषाध्यक्ष – श्री थानारामजी बरफा (मोहराकला)

सलाहकार सदस्य

1. श्री मोतीसिंहजी परिहार, बिलाड़ा
2. श्री तेजारामजी गहलोत, सोजत सिटी
3. श्री मलारामजी चोयल, बिरोल (जैतारण)
4. श्री घीसारामजी (अध्यक्ष, परगना समिति बिलाड़ा)
5. श्री जोगारामजी (अध्यक्ष, परगना समिति जैतारण)

सन् 1990 से 2003 तक श्री ज्ञानारामजी परिहार अध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे । उसके बाद सन् 2003 से 2013 तक श्री जोगारामजी परिहारिया कुशालपुरा अध्यक्ष पद पर रहकर सेवा दी । दिनांक 24.02.2013 को श्रीमान जोगारामजी परिहारिया की अध्यक्षता में सीरवी समाज सेवा सदन ( सीरवी किसान छात्रावास गणेशपुरा ब्यावर ) में सम्पन्न हुए । बेठक पांचो परगना समितियों के पदाधिकारी गणों की उपस्थिति में जोगारामजी परिहारिया ने अपने उदबोधन मे चुनाव कराने का आग्रह किया गया जिसमे उपस्थित समस्त समाज बन्धुओं ने नवीन कार्यकारिणी का निर्विरोध चुनाव किया गया ।

अध्यक्ष – श्री नन्दारामजी मुलेवा बिलाड़ा
उपाध्यक्ष – श्री कुन्नारामजी लेरचा झुंठा
सचिव – श्री जगदीशचन्द्रजी मुलेवा पिपलियां कलां
कोषाध्यक्ष – श्री जगदीशचन्द्रजी हाम्बड़ खेड़ा मामावास
शिक्षा प्रसार मंत्री – श्री बोहरारामजी हाम्बड़ धाकड़ी

कार्यकारिणी सदस्य – श्री विरदारामजी पंवार, श्री तुलसारामजी बर्फा, श्री रुपारामजी मुलेवा, श्री रमेशजी चोयल, श्री भेरारामजी सेणचा, श्री हन्नुतरामजी बर्फा, श्री प्रतापरामजी आगलेचा, श्री अभयरामजी परिहार, श्री हनुमानरामजी झांझावत, श्री प्रभुलालजी मुलेवा, श्री रामलालजी सानपुरा, श्री बाबुलालजी हाम्बड़, श्री पुखारामजी गहलोत, श्री दुर्गारामजी बर्फा, श्री धर्मारामजी पंवार, स्व श्री अणदारामजी पालावत

सन् 2013 से वर्तमान में आज तक यह नवीन कार्यकारिणी सदस्य अपनी सेवायें उपलब्ध करवा रहे हे ।ब्यावर छात्रावास व्यवस्था की जिम्मेदारी देखने वाले व्यवस्थापक सर्वप्रथम सन् 1999 से 2008 तक श्री रुपारामजी मुलेवा पिपलियां कलां वरिष्ठ अध्यापक अग्रेजी व सन् 2008 से 2013 तक श्री भगारामजी बेड़कलां वरिष्ठ अध्यापक गणित तथा उसके बाद सन् 2013 से 2017 तक श्री जीतेन्द्रजी सीरवी बिलाड़ा श्री सीमेन्ट मे कार्यरत व 2017 से आजतक छात्रावास की व्यवस्था देखने वाले व्यवस्थापक श्री चै‌नारामजी पालावत बिलाड़ा वरिष्ठ शारिरिक शिक्षक रा.उ.मा.वि.देलवाड़ा ब्यावर अजमेर व खेल प्रभारी बिलाड़ा सम्पर्क नम्बर – 9252198675

वर्तमान परिपेक्ष्य के आधार पर गणेशपुरा ब्यावर छात्रावास में 70 छात्र रह रहे हे व इतने ही छात्रों के रहने की जगह फिलहाल उपलब्ध हे । जिसमें 52 कमरें 1 हाॅल 1 ट्यूब वेल 2 पीने के पानी का टांका 8 टाॅयलेट 6 बाथरुम 1 वार्डनक्वाटर है । इस बिल्डिंग मे से कुछ भाग राज आई टी आई को व कुछ भाग काॅसमाॅस पब्लिक स्कूल को मासिक किराये पर दे रखा हे । जिसका हर वर्ष किराये की वृद्धि की जाती हे । छात्रावास मे रोज सुबह शाम मन्दिर मे आरती होती हे व बच्चों के खेलकुद व स्वास्थ्य के लिए छात्रावास मे 2 वाॅलीवाल के मेदान व 1 कब्बडी 1 बेंडमिन्टन का मेदान भी हे पुरे छात्रावास भवन मे हरे भरे पेड़ पौधे लगे हुये हे । सुबह शाम रोज छात्रावास मे बच्चों के लिए व्यायाम योग की व्यवस्था उपलब्ध है ।

सीरवी छात्रावास उदयपुर

सीरवी छात्रावास उदयपुर के लिए दिसम्बर 2008 में पहला सम्मेलन उदयपुर में श्री नेनजी बा (पुणे) की अध्यक्षता व पेमारामजी पिण्डवाड़ा की मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ, जिसमें समाज के दानवीर भामाशाहों द्वारा 5 लाख की घोषणाएं छात्रावास बाबत की गयी थी ।

नवम्बर 2009 में दूसरा सम्मेलन श्री मोडारामजी (जवाली) नासिक की अध्यक्षता व श्री जसारामजी राठौड़ (किशनपुरा) कोपरखेरने, श्री भानारामजी (बमनिया) कोपरखेरने, श्री लालारामजी (नारलाई) पनवेल, श्री हरिरामजी चौधरी प्लास्टिक गोरेगांव आदि‌ के सानिध्य में सम्पन्न हुआ, जिसमें भी समाज के दानवीर भामाशाहों द्वारा 8 लाख की घोषणाएं की गयी ।

उक्त दोनों सम्मेलन उदयपुर में सम्पन्न हुए, इस दोनों सम्मेलन में घोषणाएं कम हुई, इसका मुख्य कारण उदयपुर की दूरी व व्यापार में व्यस्तता रही । इस कारण में नवम्बर 2011 में मुम्बई गया वहा भामाशाह श्री जसारामजी कोपरखेरने, श्री भानारामजी सी.ए. सा कोपरखेरने, श्री धनारामजी गहलोत (बाली) पनवेल, श्री दुर्गारामजी (सोनाईमाझी) पनवेल से मिला और मुम्बई में सम्मेलन करने की इच्छा व्यक्त की, तो आप सभी ने सहमति दी और कलम्बोली अध्यक्ष श्री जगदीशजी देवड़ा व उनकी कार्यकारिणी से मिलकर के बडेर में उदयपुर छात्रावास बाबत सम्मेलन करवाने का निश्चय किया गया । समाज बन्धूओं के सहयोग एवं श्री जगदीशजी देवड़ा व उनकी कार्यकारिणी के द्वारा एक‌ महिने की मेहनत से कलम्बोली में बड़ा सम्मेलन हुआ, जिसके मुख्य अतिथि श्री जसारामजी नवाजी जसलोक अन्धेरी व अध्यक्षता श्री किशोरजी कालुजी पनवेल ने की । इस सम्मेलन मैं समाज के दानवीर भामाशाहों द्वारा 51 लाख की घोषणा की गई । इससे उत्साहित होकर मई 2011 में उदयपुर में 525050 वर्ग फीट का भूखण्ड खरीदा और 2 महीने के अथक प्रयास से इस भूखंड की क्रय राशि का भुगतान किया गया । इस पुनीत कार्य में समाज की टीम जिसमें श्री जसारामजी जसलोक अंधेरी की बड़ी आर्थिक सहायता व श्री धन्नारामजी बाली, श्री दुर्गारामजी सोनाईमाझी, श्री चन्दारामजी दादाई खारघर, श्री अमरचंदजी भाईन्दर, श्री रतीलालजी घाटकोपर व पुणे से नेनजी बा देसूरी, श्री खींवराजजी सीरवी बंधु मिठाई वालो का एवं समाज के बहुत और भाइयों का बहुत बड़ा योगदान रहा । जिस समय सीरवी छात्रावास उदयपुर के लिए यह भूखण्ड क्रय किया गया, उस समय संस्थान का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण इस भूखण्ड की रजिस्ट्री समाज के चार व्यक्तियों के नाम पर करवाई गई । मई 2014 में समाज की संस्था “सीरवी शिक्षण संस्था” का रजिस्ट्रेशन हो जाने पर इस भूखण्ड की रजिस्ट्री संस्थान के नाम से करवाई गयी ।

मई 2014 में छात्रावास हेतु भूमि पूजन श्री जसारामजी अंधेरी की अध्यक्षता व श्री रामलालजी गांधीधाम के मुख्य अतिथ्य में संपन्न हुआ, जिसमें समाज के करीब 500 से अधिक बन्धु उपस्थित थे । इसमें श्री पुखराज जी गहलोत (बाली) पूर्व संपादक व श्री दीपाराम जी काग गुड़िया पूर्व संपादक श्री संदेश पत्रिका।

सीरवी छात्रावास उदयपुर के लिए भूखंड क्रय किये जाने व इसके भूमि पूजन के बाद इस पर निर्माण कार्य प्रारंभ करने की इच्छा तेज होने लगी, इस हेतु वास्तुकार से इसका नक्शा तैयार करवाया गया साथ ही छात्रावास हेतु सीरवी समाज के दानवीर भामाशाहों से कमरों की बुकिंग का कार्य आरंभ किया गया, जिसमें 34 कमरों की बुकिंग हुई, इसके बाद छात्रावास निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाना था, लेकिन समाज के दानवीर भामाशाहों का आदेश मिला कि समाज द्वारा हरिद्वार को पुष्कर में भी काम प्रारंभ कर दिया गया है, इस कारण उदयपुर के छात्रावास का कार्य साल भर के लिए रोको, तब इस कार्य को कुछ समय के लिए विराम देना उचित समझा गया । इस बात को साल भर हो गया है, उदयपुर में समाज के 300 से ज्यादा छात्र अध्ययनरत हैं, उनका भी दबाव है । अब समाज का आदेश छात्रावास निर्माण बाबत मिला है । सीरवी छात्रावास, उदयपुर का निर्माण कार्य अब जल्द प्रारम्भ किया जाना है । इस हेतु दिनांक 27.5.2016 को 10 बजे कलम्बोली पनवेल बडेर में आमसभा रखी गई है । समाज के दानवीर भामाशाहों से मेरा करबद्ध निवेदन है कि आप भी इस पुण्य के कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर, शिक्षा की अलख को जगाने में सहयोग प्रदान करें । यह बात सही है कि जल बिन सब सून है, ठीक उसी प्रकार शिक्षा बिना सुन है । समाज के बुद्धिजीवी वर्ग, व्यापारिक बन्धुओं आप भी इस पुण्य के कार्य में यथाशक्ति सहयोग प्रदान करें । धर्मगुरु दीवान साहब अपने श्री मुख से यह फरमाते हैं कि दान पुण्य की जड़ हमेशा हरी रहती है । बन्धुओं आप ही इस शिक्षा की ज्योत में अपनी कमाई का कुछ अंश दान देकर शिक्षा के पुण्य कार्य को आगे बढ़ाने में सहयोग करें‌ ।

अब आशा है जल्दी काम शुरू होगा
सबका साथ सबका विकास समाज का विकास
जिसमें आपसे सहयोग और समर्थन की उम्मीद के साथ……।।

सीरवी छात्रावास उदयपुर में कमरों के बोलीदाता भामाशाह :-

श्री धन्नारामजी एच. गहलोत बाली, पनवेल
श्री दुर्गारामजी के. गहलोत सोनाईमाझी, पनवेल
श्री नेनारामजी पी. परिहार देसूरी, पुणे
श्री मांगीलालजी बी. सोलंकी ईसाली विले पार्ले
श्री मानारामजी एम. मुलेवा गुडा रूपसिंह, तुर्भे नवी मुंबई श्री देवाराम जी एस भायल सिवाना कुर्ला मुम्बई
श्री देवारामजी एल. भायल सिसाणा कुर्ला मुम्बई
श्री वनारामजी एस. बर्फा चाचोडी, मलाड
श्री कुपारामजी एम. बर्फा चाचोडी कान्दिवली
श्री घीसुलालजी बी. चोयल, बाली
श्री पुखराजजी सीरवी, सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक
श्री पी.पी. आगलेचा सांसद महोदय,
श्री खीवराजजी सी. परमार पुणे, सीरवी बन्धु मिठाई
श्री मांगीलालजी के. मुलेवा पाबूजी देवली. मिठास पुणे
श्री हीरालालजी के. राठौड़ गुडा जेतसिह बीकानेर स्वीट पुणे
श्री चेनारामजी परमार गुडा जेतसिह गायत्री प्लास्टिक गोरेगांव
श्रीमती घीसीबाई पत्नी चतरारामजी बर्फा बाणियावास, गोरेगांव, पूर्व जिला प्रमुख
श्रीमती पोकरीबाई पत्नी उमारामजी सिन्दड़ा कोलपुरा गोरेगांव सी.ए.सा.
श्री कालूरामजी पी. गहलोत ईसाली खारघर, नवी मुंबई
श्री राजारामजी डी. गहलोत बाली साकीनाडा मुम्बई
श्रीमती चतरूबाई जीवारामजी भायल लांबिया, पुणे
श्री पुनारामजी एल. देवड़ा काराडी, पुणे
श्री चंद्रारामजी के. भायल नरसिंहपुरा, मेडिक्योर
श्री जीवारामजी एम. चोयल दुदौड आईजी डेवलपर्स पुणे
श्रीमती मगूबाई पत्नी अमरारामजी गहलोत बेरा कोयटा बाली
श्री विजयकुमारजी एच. सेपटा दादाई, साकीनाडा
श्री रामलालजी एम. सैणचा रामपुरा दिव्या साल्ट गांधीधाम
श्री सीरवी समाज केनपुरा, खेरवा पाली
श्री जसारामजी सीरवी सी.ए.सा. हैदराबाद
श्री नगारारामजी ओ. गहलोत बाली, खारघर नवी मुंबई
श्री चेनारामजी सीरवी बिलाडा, एलन कोटा
श्री पुखराजजी डी. काग जवाली, नासिक
श्री मांगीलालजी सीरवी,‌ अध्यक्ष सीरवी समाज नासिक

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