समाज के गौरव

समाज गौरव श्री पुखराज जी सीरवी (पूर्व आई.जी.पी)

श्री पुखराजजी सीरवी (चोयल)  सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक एवं पूर्व अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग, राजस्थान सरकार) किसी विद्वान ने कहा है :- चोयल कुल के दीपक बनकर ,स्व स्वर्णिम इतिहास बनाया है, किया नाम रोशन सीरवी जाति का, भारतवर्ष में नाम चमकाया हैं। दाग न लगने दिया पुलिस वर्दी पर, दीन दुखियों को गले लगाया हैं, युगो-युगो तक चमके यह सितारा, समाज रत्न का किताब जो पाया है। उपयुक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले सीरवी समाज के यशस्वी महापुरुष समाज गौरव, अपने समाज के युग पुरुष एवं प्रतिभाओं का भविष्य बनाने वाले ग्राम अटबड़ा के चोयल कुल के चमकते सितारें एवं कुल दीपक श्री पुखराज सीरवी (आई.पी.एस ) पिता धूलारामजी चोयल की आँखों के तारे एवं माता-श्रीमति गीगी देवी के लाडले-दुलारे 6 मई 1944 को चोयल परिवार में जन्म लेकर अपने कुल का गौरव एवं मान बढ़ाया। आपने प्राथमिक शिक्षा ग्राम अटबड़ा, उच्च प्राथमिक शिक्षा ग्राम पिपलियां कलां, सेकेंडरी की शिक्षा ग्राम बिलाड़ा से प्राप्त की। अपने वाणिज्य वर्ग में स्नातक की उपाधि एवं अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री सन 1965 में प्राप्त की आपका शुभ विवाह श्रीमति भूरीदेवी के संग हुआ। सीरवी समाज के इतिहास में सन् 1967 में प्रथम आर.पी.एस बनकर आपने एक सुनहरा इतिहास बनाया, जिस पर संपूर्ण भारत समाज को नाज है। आप की प्रथम नियुक्ति पुलिस उप अधीक्षक के पद पर जालोर में हुई। वही जालोर जिसके कीले से निकल कर जणवों के साथ सीर में खेती करने पर हम सीरवी कहलाये। यह भी एक सुखद संयोग है कि समाज के इस चमकते सितारे ने भी अपने नाम के पीछे सीरवी लिखकर जाति को एक नई पहचान दी।सन् 1975 में आपकी पदोन्नति अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर हुई। सन् 1981 में भारतीय पुलिस सेवा पर पदोन्नति हुई और डूंगरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक बने। आपकी कर्तव्य परायणता, निडरता, पुलिस सेवा के प्रति निष्ठा एवं सराहनीय सेवाओं के कारण 26 जनवरी 1985 में ” राष्ट्रपति पुलिस पदक ” से अलंकृत किया गया। जो सीरवी समाज के इतिहास में स्वर्णिम दिन था। सन् 1996 में आपकी पदोन्नति अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक के पद पर हुई। आप सीरवी समाज ही नहीं अपितु पुलिस विभाग में भी ऐसे बिरले पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें दोबारा 26जनवरी 2004 में राष्ट्रपति पुलिस पदक के अलंकरण से सुशोभित किया गया। पुलिस विभाग में अपनी शानदार सेवा, सबके प्रिय एवं जन-जन के हृदय सम्राट श्री सीरवी अपनी 37 वर्षों की अविस्मरणीय सेवा पूर्णकर 31 मई 2004 को बीकानेर रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक पद पर के सेवा निवृत हुए। अपनी व्यवहार, कुशलता, विनम्रता, ईमानदारी एवं कर्तव्य परायणता के कारण राजस्थान सरकार ने 15 अप्रैल 2006 को राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग का मान्य सदस्य नियुक्त कर आपकी विद्धता,प्रखर प्रतिभा का समान किया। आपकी शानदार सेवाओं एवं न्याय प्रियता के कारण राजस्थान सरकार ने 23 अक्टूबर 2010 को सीरवी समाज के चमकते सितारे को राजस्थान सरकार ने ” राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ” के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया। अपने जीवन की श्रेष्ठ उपलब्धि भरी सेवाओं, जन-जन को न्याय दिलाने वाले किसानों के मसीहा, दीन-दुखियों के ह्रदय सम्राट श्री पुखराज सीरवी, अध्यक्ष, राज्य मानवाधिकार आयोग के पद से 13 अप्रैल 2011 को सेवानिवृत्त हुए। सभी के लिए, सभी के साथ, सभी की होकर जीने की प्रेरणा आपके आचरण एवं व्यवहार में दिखाई देती हैं। मान-सम्मान बड़ाई कोसों दूर समाज हितैषी, कुल दीपक श्री पुखराज जी सीरवी अपने आपने एक स्वर्णिम इतिहास को समझते हुए सच्चे अर्थों में सीरवी समाज के गौरव, कर्णधार एवं युगपुरुष हैं। आपको माँ आईजी के पावन मन्दिर (बड़ेर ) बिलाड़ा के प्रांगण में पूजनीय धर्मगुरु दीवान माधवसिंहजी के कर कमलों से यह अभिनन्दन पत्र प्रदान कर हम सभी सीरवी समाज के प्रबुद्ध जन अपने आपको गौरवान्वित अनुभव करते हैं। माँ श्री आई जी से आपके सफल, सुखद एवं उज्जवल, भविष्य और शतायु होने की मंगल कामना करते हैं।।

समाज गौरव श्री कुलदीपजी चौधरी सैणचा

किसी विद्वान ने कहा है :- सूरज कहता नहीं किसी से हम प्रकाश फैलाते है। बादल कहता नहीं किसी को हम पानी बरसाते है। बातों से नहीं अपितु कार्यों से नर पहचाने जाते हैं। डिंग मारते रहते कायर, कर्मवीर विजय पा जाते हैं। मेहनती सरल स्वभाव एवं सदा हंसमुख रहने वाले श्री कुलदीप चौधरी सैणचा का जन्म 14 नवम्बर, 1975 को श्री जग्गाराम जी सैणचा निवासी बगड़ी नगर तहसील सोजत जिला पाली के घर में हुआ। माता श्रीमती तुलसी देवी के स्नेह आँचल में संस्कारवान बने श्री कुलदीप ने प्रारम्भिक शिक्षा अपने पैतृक गाँव बगड़ी नगर में प्राप्त की। इसके बाद उच्च शिक्षा चेन्नई में प्रप्थ की और लोयोला कॉलेज चेन्नई से स्नातक की डिग्री प्रप्थ की। आपका विवाह सं 1999 में श्रीमती निरुपा सीरवी सुपुत्री श्री पुखराजजी सीरवी सेवानिवृत महानिरीक्षक राजस्थान पुलिस व् पूर्व अध्यक्ष राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के संग हुआ। सफल दाम्पत्य जीवन से आप भव्य दिप सीरवी 14 नवम्बर 1999 व् प्रथम सीरवी 20 नवम्बर 2004 के पिताश्री बने। सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ में डिप्टी कमांडो श्री कुलदीप सीरवी समाज के गौरवशाली रत्न है। आपने अपनी सेवा कर्तव्यनिष्ठा एवं उत्कृष्ट कार्यप्रर्दशन से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और पुरे सीरवी समाज को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है। आपने 28 दिसंबर 2002 को सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ में सहायक कमांडेन्ट के पद पर नियुक्त होने के बाद निष्ठा व लगन के साथ कार्य किया। आपने जब जो जिम्मेदारी मिली उसे बखूबी निभाया। आपको 27 नवम्बर 2009 को पदोन्नति मिली और डिप्टी कमांडेन्ट के पद पर जोधपुर में तैनाती हुई। तब से आप इस पद पर अपनी स्वयं प्रदान कर रहे हैं। इस दौरान आपने कई उत्कृष्ट कार्यप्रदर्शन किये, जिनको लेकर सम्पूर्ण सीरवी समाज को आप पर गर्व है। गणतंत्र दिवस परेड में ऊंट दस्ते का नेतृत्व श्री कुलदीप सैणचा ने सीमा सुरक्षा बल की कैमल विंग ऊंट दस्ते में तैनात रहते हुए वर्ष 2014 से लगातार पांच बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली सुरक्षा बल के ऊंट दस्ते का नेतृव्त कर राजपथ की शान बढ़ाने के साथ ही सम्पूर्ण सीरवी समाज को भी गौरवान्वित किया। इसके साथ ही आपने वर्ष 2013, 2014 व् 2015 में जोधपुर के उम्मीद स्टेडियम में भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैमल शो का प्रदर्शन किया जो समारोह का विशेष आकर्षण रहा। साहसिक कार्य एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रदत सम्मान (1) दिनांक 05.09.2009 को छतीसगढ़ के कांकेर में नक्सल विरोधी अभियान में नक्सलियों द्वारा लगाईं गयी घाट को विफल कर छह नक्सलियों को मार गिराया तथा सीमा सुरक्षा कब को भरी जान माल के नुक्सान से बचाया। इस बहादुरी पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक द्वारा आपको सत्यनिष्ठा से साहसिक कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। (2) वर्ष 2014 से 2018 तक दिल्ली में आयोजित हमारे देश के गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय समारोह में लगातार पांच बार तथा वर्ष 2013 में सीमा सुरक्षा बल परेड में ऊंट दस्ते के नेतृत्व एवं उत्कृष्ट के लिए महानिदेशक द्वारा आपको प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। (3) दिनांक14.08.2014 को माननीय मुख्यमंत्री मोहदया राजस्थान सरकार द्वारा कैमल विंग को नकद पुररस्कार और आपको प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जो सम्पूर्ण सीरवी समाज के लिए अत्यंत गर्व की बात हैं। सीमा सुरक्षा बल का यह दस्ता विश्व विख्यात एवं एकमात्र हैं। यह दस्ता सीना सुरक्षा की ड्यूटी के साथ ही मोटरसाइकिल शो की तरह ही कैमल शो का प्रदर्शन भी करता है, जिकी मोटर साइकिल से भी अधिक जोखिमभरा और आकर्षक होता है। कैमल शो में ऊँटों के कला प्रदर्शन को देखकर लगता है कि मानो इंसानों को भी ये ऊँट एकता एवं सूझबूझ से कार्य करने की प्रेरणा दे रहे हों। बीएसएफ के प्रशिक्षित ऊँटों द्वारा राजस्थान में जैसलमेर के मरू मेले तथा अन्य स्थान पर कैमल टेटू शो, जो अनुशासित स्वभाव से देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है, समारोह का विशेष आकर्षण रहता है, जिसमे दो ऊँटों पर जवान की सवारी ऊंट पर नजर नहीं आना, पणिहारी का ऊंट पर कलश के साथ ही बैठकर खाना और नास्ता करना और प्रेम का प्रतिक ढोला मारु का प्रदर्शन करते हुए ऊंट पर सवारी ऊंट को कहा जाए तो वह एक कतार में खड़ा होकर गार्डन झुकाकर सैलाब करे। ज,इमिन पर कहते ही सो जाए और इशारा पाते ही उठ जाए। नाचता हुआ चले और क्रांस करके ऐसे दौड़े जैसे लहरिया बना रहा हो।

समाज गौरव श्री बींजाराम काग भीलवाड़ा

किसी विद्वान ने कहा है :- चपरासी पद से जनरल मैनेजर बनकर, मैसी फरगुशन कम्पनी में एक नया इतिहास बनाया है। किया नाम रोशन पिता जोधाजी एवं माता गवरीबाई का, सीरवी समाज में अच्छा नाम कमाया है।काग कुल के कुल दीपक तुमने, स्वराज कम्पनी में अपनी धाक जमायी है भीलवाड़ा जिले में अपनी पहचान बनाकर सीरवी जाती की यश-कीर्ति बढ़ाई है। सरल स्वभाव, मिलनसार, परिश्रमी एवं व्यवहार कुशल, धुन के धनी श्री बींजाराम काग का जन्म 5 फरवरी 1962 को साधारण किसान पिता श्री जोधाराम जी काग के घर माता श्रीमती गवरीबाई की कोख से ग्राम गिरदरा की ढाणी पाली में हुआ। आपकी प्राईमरी शिक्षा ग्राम गिरदारा की ढाणी में हुई तथा पाली शहर में आपने 9वीं कक्षा सन् 1977 में उत्तीर्ण की। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कुछ समय तक खेती का कार्य करने के पश्चात् सन् 1978 में पाली कृषि मंडी में सेल्समैन की नोकरी करने लगे। इसी दौरान आप उदयपुर से मैसी ट्रेक्टर कम्पनी से ट्रेक्टर ख़रीद कर लाने का कार्य भी करने लगे। ट्रेक्टर का धंधा करते समय आपका सम्पर्क श्री प्रतापसिंह मुरडिया मालिक राजस्थान मशीनरी मार्ट उदयपुर से हुआ। आपकी लगन मेहनत, ईमानदारी एवं व्यवहार कुशलता के कारण आपको राजस्थान मशीनरी मार्ट, उदयपुर में भी काम करने का मौका मिलता रहा तथा साथ में पाली कृषि मंडी में भी काम करते रहे। सन् 1986 में आप उदयपुर आ गये और राजस्थान मशीनरी मार्ट में चपरासी के पद पर कार्य करने लगे। धीरे धीरे अपनी मेहनत लगन एवं ईमानदारी के कारण सेल्समेन पद पर कार्य करने लगे। फिर आप सन् 1998 में भीलवाड़ा में आ गये तथा मैसी फर्गुसन ट्रेक्टर की कम्पनी ऑटो मोबाइल इण्डियन में सेल्समैन का काम करते हुए। 1 अप्रैल 1999 में जनरल मेनेजर बन गये। आप मैसी फर्गुसन ट्रेक्टर कम्पनी में चपरासी की नोकरी से शुरुआत करते हुए उसी कम्पनी में जनरल मेनेजर बन गये। जिस पर सम्पूर्ण सीरवी समाज को गर्व एवं नाज है। राजस्थान मशीनरी मार्ट में जनरल मेनेजर के पद पर आप मई 2011 तक रहे। इसके पश्चात् 7 मई 2011 में तिरुपति ट्रेक्टर मैसी कम्पनी में सेल्समैन बने। इस कम्पनी में आपने 8 अप्रैल 2013 तक कार्य किया। 18 अप्रैल 2013 में स्वयं का व्यवसाय गिरिराज ऑटोमोबाइल मधुबोकटा फाइनेन्स ग्रुप के साथ भागीदारी में शुरू किया तथा स्वराज ट्रेक्टर कम्पनी की एजेन्सी ली। त्रिवेणी संगम चोराहा मांडलगढ़ में आपने स्वराज ट्रैक्टर का शोरूप फर्म गिरिराज ऑटोमोबाइल एवं श्री आईमाता ट्रेक्टर नाम से वर्कशॉप शुरू किया। आपने जब स्वराज ट्रेक्टर कम्पनी की एजेन्सी जिला भीलवाड़ा की तीन तहसीले मानलगढ़ जहाजपुर कोटड़ी की ली तब वर्षभर में सिर्फ 22 ट्रेक्टर ही बिकते थे। आपकी व्यवहार कुशलता मिलन सारिता एवं दिन रात की कड़ी मेहनत से 1 वर्ष में ही 22 ट्रेक्टर की बजाय 222 ट्रेक्टर बेचकर संपूर्ण भारत वर्ष में स्वराज कम्पनी के इतिहास में एक नया किर्तिमान बनाया। स्वराज कम्पनी के मालिक श्री आनन्द महेन्र्द मोहाली चंडीगढ़ पंजाब से व्यक्तिगत रूप से आपसे मिलने आपके शोरूम पर पधारे तथा आपकी पीठ थपथपायी तथा कम्पनी के खर्च से 4-5 लाख रूपये खर्चकर शानदार ए.सी. आपिस बनाया। आप सभी बन्धुओं को जानकर आधचर्य होगा की जिला भीलवाड़ा की तीन तहसीलें मांडलगढ़ जहाजपुर कोटड़ी में एक भी सीरवी परिवार निवास नहीं करता है। जाट गुर्जर धाकड़ जातियों में अपनी व्यवहार कुशलता एवं मिलनसारिता ईमानदारी के कारण अपनी साख बनाते हुए मैसी फरगुशन ट्रेक्टर कम्पनी के मुकाबले में स्वराज ट्रेक्टर कम्पनी का एक शानदार किर्तिमान बनाना वास्तव में टेढ़ी खीर एवं तारीफ़ के काबिल हैं। इस इलाके में ऐसा प्रचलन है की खरीदते समय औरत साथ में आती है। में ट्रेक्टर खरीदते समय उस औरत को कपड़े भेंट करते थे इस कारण वह परिवार आपको धर्मभाई मानता था और अपने रिश्ते नातेदारों से स्वराज ट्रेक्टर खरीदने का प्रचार करते रहते थे। इस इलाके में आप बींजारामजी काग धर्मभाई के नाम से प्रसिद्ध है। आज भी जो ओरते रक्षा बन्धन पर राखी बाँधने आती है उन्हें आप कपड़े भेंट करते है और धर्मभाई का रिश्ता बनाये रखते हैं।आपने सन् 2014 में 366 ट्रेक्टर सन् 2015 में 292 ट्रेक्टर एवं 2016 में 351 ट्रेक्टर बेचकर स्वराज कम्पनी में अपने सर्वाधिक ट्रेक्टर बेचने का रिकार्ड कायम रखा है और स्वराज कम्पनी ने भी आपको अच्छा सपोर्ट किया तथा सन् 2014 में पेरिस 2015-16 में न्यूजीलैंड बेल्जियम तथा सन् 2017 में ब्रिटेन घूमने का सपरिवार विदेशी यात्रा का लाभ दिया है। आपका शुभ विवाह 30 अप्रैल 1980 में श्रीमती सोनोदेवी पुत्री कोलाराम जी चोयल ग्राम छपरा पाली के संग हुआ। आपके सफल दाम्पत्य जीवन में दो पुत्र सर्वश्री राहुल एवं प्रमोद है। श्री राहुल ने सन् 2007 में B.B.M. की डिग्री एवं सन् 2011 में M.B.A. पूना से डिग्री प्राप्त की। श्री राहुल का शुभ विवाह श्रीमती शांतिदेवी पुत्री मांगीलालजी चोयल निवाली केरला के संग 21 अप्रैल 2007 में हुआ। अनूज पुत्र प्रमोद काग ने सन् 2008 में 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की और आपका शुभ विवाह 24 अप्रैल 2012 को ममता पुत्री नत्थुरामजी बर्फा निवासी गुड़ा बिछु के संग हुआ। आपके दोनों पुत्र आपके साथ ही गिरिराज ऑटोमोबाइल कम्पनी शोरूम एवं श्री आईमाता ट्रेक्टर वर्कशॉप में कार्य कर रहे हैं। आपका भीलवाड़ा शहर एवं मांडलगढ़ में स्वयं के मकान है तथा मांडलगढ़ में खेती की जमीन है। 4 फरवरी 2018 को आपने व्यवसाय स्वयं खरीदे गये भूखण्ड में शिप्ट किया। आप स्वयं श्री आईमाताजी के परम भक्त है तथा पूरा परिवार श्री आईमाताजी का उपासक है तथा आपके निवास स्थान भीलवाड़ा में श्री आईमाताजी की अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित हो रही है जिससे केसर झड़ता है।

समाज गौरव श्री किशोर कुमार गहलोत

किसी विद्वान ने कहा है :- गहलोत कुल के कुल दीपक आप, पिता गोविन्द की आँखों के तारे है। माँ गंगाबाई के लाडले दुलारे आप, सीरवी समाज के चमकते सितारे है। व्ययिक सेवा में चयनित होकर आपने, सीरवी समाज का गौरव बढाया है। निष्पक्ष न्याय, ईमानदार, सच्चे कर्मयोगी, न्यायिक सेवा में एक नया इतिहास बनाया है। प्रथम एडिशनल डिस्ट्रिक एवं सेशन जज सिविल कोर्ट सुजालपुर उपरोक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले गहलोत कुल के कुल दीपक श्री किशोर कुमार गहलोत पिता श्री गोविन्द जी की आँखों के तारे, माता श्रीमती गंगाबाई के लाडे दुलारे का जन्म 1 दिसम्बर 1976 में ग्राम लोहारा तह. कुक्षी में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। आप प्राथमिक शिक्षा से ही एक मेधावी छात्र रहे है। आपने 10वीं कक्षा सन् 1992 ग्राम तलवाड़ा कुक्षी में सरकारी विद्यालय में अध्ययन करके उत्तीर्ण की। शिक्षा के प्रति जागरूक एवं अपनी मेहनत से उच्च शिक्षा प्राप्त करने की मन में सच्ची लग्न थी। आप कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने हेतु इन्दोर शहर चले गये। आपने सन् 1997 में बी.कॉम की डिग्री प्राप्त की इसके पश्चात् आपने सन् 2000 में एल.बी. की डिग्री एवं सी.एस. की डिग्री साथ-साथ प्राप्त की। एल.एल.बी. करते समय आपका झुकाव कानून की गहनतम जानकारी की और था इसलिए आपने सन् 2002 में एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की। सन् 2002 में एल.एल.एम. की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात आपने 2002 से 2007 तक पी.जी. कॉलेज खरगोण में प्राध्यापक पद पर रहते हुए टीचिंग जाब किया। इसी दौरान आपका चयन मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा में चयन हो गया और आप न्यायिक मजिस्ट्रेड पर प्रथन नियुक्ति झाबुआ जिले में थॉन्दलो शहर में हुई। इसके पश्चात् आपका तबादला विभिन्न शहरों में होता रहा और आप जहाँ भी रहे अपने व्यवहार कुशलता, निष्पक्ष न्याय निर्णय एवं ईमानदारी की अमीट छाप छोड़ी। आपका शुभ विवाह सन् 2006 में श्रीमती कमला पुत्री श्री रमेश जी जमादारी निवासी कुक्षी के संग हुआ। श्रीमती कमला भी उच्च शिक्षा प्राप्त एम.एससी. केमेस्ट्री है। आपके सफल दाम्पत्य जीवन में दो पुत्र 1 अंशित एवं 2 प्रकल्प है। आपके बड़े भ्राता श्री हेमन्त जी गहलोत सेल टेक्स विभाग में CTO पद तथा वर्तमान में आपका पदस्थापन इन्दोर में हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री किशोर कुमार गहलोत का विभागीय परीक्षा में 22 सितम्बर 2017 को ए.डी.जे. अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट पर चयन हुआ है जो समस्त सीरवी समाज के लिए गौरव की बात है। वर्तमान में आपका पद स्थापन प्रथम एडिशनल डिस्ट्रिक एवं शेषन जज सिविल कोर्ट सुजालपुर जिला शजापुर मध्यप्रदेश हैं।

सीरवी समाज के गौरवशाली रत्न : श्री रामलाल जी गहलोत

सीरवी समाज में ऐसे अनेक गौरवशाली रत्न हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से अपना और अपने परिवार का ही नहीं बल्कि समाज का गौरव भी बढ़ाया। ऐसे ही एक गौरवशाली रत्न है श्री रामलाल सीरवी सुपुत्र श्री पुनाराम जी गहलोत, जो भारतीय नोसेना पोत राजालि, पोस्ट अरकोनम, जिला वेल्लोर तमिलनाडु में तैनात हैं। आप राजस्थान के पाली जिले की सोजत तहसील के गांव खोखरा बेरा बोरियां के मूल निवासी हैं। बचपन से ही आप में शिक्षा के साथ ही साथ खेलों के प्रति गहरी रूचि रही। जब आपको अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिला तो आपने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। राष्ट्रीय खेल प्रतिभा के रूप में देश विदेश में अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले श्री रामलाल जी सीरवी भारतीय नो सेना के उड्डयन विभाग में नोसेनिक है तथा वर्तमान में जिला वेल्लोर तमिलनाडु में चीफ पेटी ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। आप पूरी निष्ठा व लगन के साथ अपनी ड्यूटी करने के साथ ही साथ खेलों में भी अपनी भागीदारी निभाते रहते हैं। आप युवाओं में खेलों के प्रति रूचि बढाने और खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने में भी पीछे नहीं रहते हैं। आपने पांचवी कक्षा में ही नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर कक्षा 6 स्व 12 तक जवाहर नवोदय विद्यालय जोजावर में सरकारी खर्च पर पढ़ाई की। प्रारम्भिक शिक्षा के दौरान ही खेलों के प्रति आपका विशेष लगाव रहा है अतः वर्ष 1998 में आयोजित खेल प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित होने पर जवाहर नवोदय विद्यालय जोजावर पाली द्वारा आपको बेस्ट ऐथलिट का पुरस्कार प्रदान किया गया। तत्पश्र्चत वर्ष 2001 में नोसेना में भर्ती होने के बाद द-country, 3000 मीटर स्टीपलचेज तथा अन्य ट्रैक एवं फिल्ड इवेंर्ट्स में नोसेना स्तर पर विभिन्न खेलों में विजय हासिल कर आपने कई पदक हासिल किये। फिर आपने समुद्र में खेले जाने वाले खेलों में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए विभिन्न समुद्री खेलों में जीत हासिल की, जिस पर आपको निम्नलिखित पदकों से नवाजा गया। आपकी यह उपलब्धि सम्पूर्ण सीरवी समाज के लिए गर्व की बात है। 1. वर्ष 2011 में श्रीलंका में आयोजित South asian Beach Games प्रतियोगिता के Wind Surfing खेल में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक जीता। 2 वर्ष 2013 में गोवा मे आयोजित राष्ट्रीय Wind Surfing प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया है। 3. जून 2013 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (ND-) पुणे मे आयोजित राष्ट्रीय एंटरप्राईज पाल नोकायन प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया। 4. दिनांक 23 से 28.12.16 तक मुम्बई में आयोजित राष्ट्रीय पाल नोकायन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया हैं। 5. जुलाई 2017 में हैदराबाद सिलिंग प्रतियोगिता में लेजर वर्ग डिंगी में स्वर्ण पदक जीता है। इसी के साथ ही आपने खेल प्रबन्धन के सम्बन्ध में भी निम्न उपलब्धियां हासिल की हैं। आप पाल नोकायन एवं क्लब विकास सदस्य है तथा दिसम्बर 2017 में कृष्णापट्टनम बन्दरगाह पर आयोजित राष्ट्रीय रेस अधिकारी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर आपको 06 मार्च 2018 से राष्ट्रीय रेस अधिकारी नियुक्त किया गया। आपने 18 मार्च 2018 को सिंगापुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रेस अधिकारी परीक्षा में 89% सर्वोच्च अंक प्राप्त किये, जिस पर आपको अन्तराष्ट्रीय रेस अधिकारी की पदवी मिलेगी। उपरोक्त खेल समुद्र में खेले जाते है तथा पूर्णतः जान जोखिम भरे होते है, जिसमे विशेषतः राष्ट्रीय पाल नोकायन प्रतियोगिता जो कि बिना इंजन की नोका को कपड़े के पर्दे की सहायता से समुद्री लहरो के बिच हवाई रुख के अनुसार नियन्त्रित करते हुए न्यूनतम समय में निर्धारित दुरी का लक्ष्य पूरा करना होता हैं। राष्ट्रीय पाल नोकायन प्रतियोगिता में कांस्य पदक, रजत पदक व स्वर्ण पदक का खिताब हासिल कर आपने सम्पूर्ण सीरवी समाज को गोरवान्वित किया है।

अधिकारी श्री उमाराम चौधरी

सरल सौम्य व शांत स्वभाव, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदारी के प्रतीक तथा साफ़ सुथरी छवि वाले भारतीय वन सेवा के अधिकारी श्री उमाराम चौधरी (सानपुरा) को मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया है। वर्ष 2000 बेच के भारतीय वन सेवा अधिकारी C.C.F. (वन विभाग में संभाग स्तर का वरिष्ठ पद) श्री उमाराम जी सानपुरा साहब ऑल इण्डिया रेडियो के अधिकृत हिन्दी कॉमेन्टेटर, एथलेटिक्स मेन (मैराथन दौड़ के श्रेष्ठ खिलाडी), मंच संचालक के साथ ही अच्छे लेखक, समाजसेवी, वृक्ष प्रेमी व संगीतकार भी हैं। आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी है और आपका व्यक्तित्व हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। आप सीरवी समाज के गौरवशाली रत्न है। मुख्य वन संरक्षक के पद पर आपकी पदोन्नति से समस्त सीरवी समाज स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। आप दिनांक 01.11.1983 को रेंजर के पद नियुक्त हुए तथा वर्ष 1984-86 में राजस्थान वन सेवा में चयनित होकर सहायक वन सरंक्षक बने व मार्च 1999 D.F.O. (डिविजनल फोरेस्ट ऑफिसर) के पद पर पदोन्नत हुए। इसके पश्चात 19.02.2013 में आप पदोन्नति प्राप्त कर I.F.S. (भारतीय वन सेवा) के अधिकारी बने तथा 01.01.2015 को पदोन्नत होकर शुष्क वन अनुसंधान संस्थान जोधपुर में C.F. (Conservator of Forests) के पद पर पदस्थापित होने के पश्चात हाल ही में पदोन्नति प्राप्त कर C.C.F (Chief Conservator of Forests) मुख्य वन सरंक्षक बने है। आप वर्ष 2000 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। वर्तमान में भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर शुष्क वन अनुसंधान संस्थान जोधपुर में C.F. (वन संरक्षक) के पद पर पदस्थापित है। तथा कृषि वानिकी एवं विस्तार विभाग के प्रभागाध्यक्ष है। सामाजिक योगदान:- श्री उमाराम पुत्र श्री जीयारामजी सानपुरा, आफरी, पाली रोड़ जोधपुर, गांव खेड़ा देवगढ़, पोस्ट निमाज, तहसील जैतारण, जिला पाली (राज.) सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। सरकारी कामकाज की व्यस्तता के बावजुद आप समय निकालकर सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान देते रहते हैं । आप सीरवी समाज जोधपुर के वरिष्ठ, अनुभवी एवं शिक्षित समाज सेवी हैं । विद्यार्थी जीवन से ही समाज सेवा में रहते हुए सीरवी समाज में व्याप्त कुरीतियों, रूढ़िवादी परम्पराओं में विशेषत: बाल विवाह के विरुध्द विभिन्न लेखों के माध्यम से समाज को जागरूक किया तथा सीरवी समाज जोधपुर के विकास में हर क्षेत्र में आपका महत्वपूर्ण योगदान है । विशेष उपलब्धियाँ :- आपको 26.01.2010 को राजकीय उम्मेद स्टेडियम जोधपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने विभाग के साथ ही विभिन्न प्रशासनिक ड्यूटी में तत्परता, सराहनीय एवं उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रशासनिक स्तर पर मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया । आप ऑल इंडिया रेडियो के अधिकृत हिंदी कॉमेंटेटर है, जिन्होंने देवधर ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी, अनिल कुंबले बनाम अजरुद्दीन, श्रीलंका बनाम भारत इत्यादि क्रिकेट मैचों के साथ ही हाॅकी व कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी रेडियो कमेंट्री प्रस्तुत की है । आपकी विद्यार्थी जीवन से ही खेलों के प्रति विशेष रूचि है रही हैं । आपने अपने विद्यालय की हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही वर्ष 1997 व 1999 में भोपाल व लखनऊ में अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में राज्य विभागीय क्रिकेट टीम का भी प्रतिनिधित्व किया एथलेटिक्स में आप ने वर्ष 1982-83 में दक्षिण वन रेंजर कॉलेज, कोयंबटूर में 13 किलोमीटर की मैराथन दौड़ वर्ष 1985-86 में देहरादून के वन अनुसंधान एवं कॉलेज में क्रॉस कंट्री दौड़ में जीत हासिल कर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीता तथा हाल ही हैदराबाद में आयोजित 23 वी ऑल इंडिया फोरेस्ट स्पोर्ट मीट-2017 में 55 वर्ष की आयु वर्ग में 25 किलो मीटर 5000 मीटर दौड़ में भी जीत हासिल की । इसके साथ ही आप लेखक, मंच संचालक और संगीतकार भी हैं । आप ने वर्ष 1997 में भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय वन गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है सीरवी समाज के गौरवशाली रत्न श्री उमारामजी सानपुरा को सीरवी समाज संपूर्ण भारत डॉट कॉम की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।

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